हाईकोर्ट ने टाइगर प्रोटेक्शन रूल्स को लेकर दिया निर्देश, कहा- दस दिन में बनाएं नियमावली

लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स सर्विस रूल्स को लागू करने की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार के उस अनुरोध को ठुकरा दिया है जिसमें उसने सारी प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन माह का समय मांगा था। कोर्ट ने इस मामले में सरकार को दस दिनों के भीतर सेवा नियमावली बनाने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 3 दिसम्बर को होगी।


यह आदेश जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस आलोक माथुर की बेंच ने सतीश कुमार मिश्रा की याचिका पर दिया। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए तीन महीने का समय मांगा गया था जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामला चार वर्षों से लम्बित है लिहाजा हम तीन माह का समय प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए नहीं दे सकते।


उक्त याचिका दुधवा टाइगर रिजर्व के जानवरों की सुरक्षा के मामले पर दाखिल की गई है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि क्या प्रदेश में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन हो चुका है। साथ ही स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स सर्विस रूल्स के लागू होने की स्थिति की भी जानकारी मांगी थी। 


इसके अनुपालन में फील्ड डायरेक्टर, दुधवा टाइगर रिजर्व संजय सिंह ने कोर्ट के समक्ष पेश होकर बताया कि फोर्स का गठन तो 12 फरवरी 2013 के एक अधिसूचना के द्वारा हो चुका है लेकिन सेवा नियमावली पर विभिन्न विभागों द्वारा सितम्बर 2019 में आपत्तियां लगा दी गई हैं।


उन्होंने प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए तीन महीने का समय दिये जाने की मांग की। जिसे कोर्ट ने अस्वीकार करते हुए सरकार को दस दिनों में प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश दिया है।