जबरन धर्मांतरण जैसे गंभीर मामले पर नया काननू बना सकती है सरकार, राज्य विधि आयोग ने सीएम को सौंपी है रिपोर्ट

लखनऊ. उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें जबरन धर्मान्तरण जैसे गंभीर मामले पर नया कानून बनाने की सिफारिश की गई है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में इस बात की सिफारिश की गई है कि मौजूदा कानूनी प्रावधान जबरन धर्मांतरण को रोकने में सक्षम नहीं है। इसीलिए योगी सरकार जल्द ही इसको लेकर नया कानून बना सकती है। 


योगी को यह रिपोर्ट आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदित्यनाथ मित्तल ने सौंपी है। इसमें कहा गया है कि कई अन्य राज्यों की तरह उप्र में भी नया कानून बनाए जाने की आवश्यकता है। 


कई देशों के कानूनों का अध्ययन करने के बाद सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट


इसके लिए सरकार को आजादी के पहले और बाद, देश और पड़ोसी देशों मसलन नेपाल, म्यामांर, भूटान, श्रीलंका और पाकिस्तान के कानूनों के अध्ययन के बाद रिपोर्ट को राज्य सरकार के विचारार्थ भेजा गया है। रिपोर्ट 268 पृष्ठ की है। इसमें ''धर्म क्या है, क्या इसकी व्याख्या की जा सकती है, जबरन धर्मान्तरण पर हाल की अखबारी खबरें, पड़ोसी देशों के धर्मान्तरण विरोधी कानून'' जैसे विषय शामिल किये गए हैं।


विधि आयोग से जुड़े वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में आयोग ने मसौदा विधेयक के साथ अपनी सिफारिशें सौंपी हैं, जिसमें गया है कि मध्य प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में जबरन धर्मान्तरण को प्रतिबंधित करने के विशेष कानून बन चुका है। उप्र में भी इसको लेकर विचार किया जा सकता है।