पीलवा व खेजड़ला में कथा श्रवण को उमड़े श्रद्धालु

कुसलावा में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान सप्ताह के चौथे दिन भगवान के विभिन्न अवतारों की कथा सुनाई गई। कथावाचक संत सियाराम ने कहा कि जब अमृत की प्राप्ति के लिए देवों एवं असुरों ने समुद्र मंथन शुरू किया तब भगवान ने कच्छप का अवतार लिया एवं अपने ऊपर मथनी रखा जिससे समुद्र का मंथन हुआ। संत ने कहा कि श्री गणेश के नाम के बिना कोई सफल नहीं होता है। समुद्र मंथन के समय भी पहले गणेश जी की प्रार्थना की गई तब मंथन शुरू हुआ। संत सियाराम ने कहा कि समुद्र मंथन में भगवान शंकर ने विष को ग्रहण किया एवं विष को गले में संग्रहित रखा तभी से भगवान शंकर नीलकंठ कहलाए।

गोसेवा के लिए आगे आने का किया आह्वान

गोसेवा करने से पापों से छुटकारा मिलता है। यह बात पंडित अशोक महाराज ने भैंसाद माता मंदिर में आयोजित भागवत कथा समारोह को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि सच्चे मन से ईश्वर की भक्ति करने वाले व्यक्ति को ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने वर्तमान में गोवंश की खस्ता हालत पर चिंता जताते हुए कहा कि ी लोगों को आगे आकर गोमाता की रक्षार्थ सहयोग करना चाहिए। संत ने कहा कि भगवान और संत एक ही होते हैं. संतों के दर्शन से अंधकार खत्म हो जाता है। इस मौके जैनाराम, राजेंद्र सोनी, नाथूराम दुकतावा, पूनाराम देवड़ा, डॉ. रवि शर्मा, हेमंत दाधीच, श्रवण, देवेंद्र रणसी आदि मौजूद थे।

कुड़ी में भागवत कथा आज से

उपखंड क्षेत्र के कुड़ी गांव रामद्वारा के जीर्णोदार को लेकर श्रीमद्भागवत व राजा हरीशचंद्र कथा का आयोजन किया जा रहा है। रामधाम खेड़ापा के आचार्य पुरुषोत्तमदास महाराज के सान्निध्य में गुरुवार से आयोजित होने वाले समारोह में व्यासपीठ पर सूरसागर रामद्वारा के महंत रामप्रसाद महाराज भक्तिरस की सरिता बहाएंगे। संत सीताराम महाराज ने बताया कि 12 दिसंबर तक आयोजित होने वाले समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि समारोह अंतर्गत अनेक धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम होंगे, जिसमें आसपास के गांवों से श्रद्धालु शिरकत करेंगे।